अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव होने को है। वर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से लेकर कई अन्य कई दावेदार भी अपनी दावेदारी ठोक रहे हैं। इन सब के बीच एक दावेदार अपनी बढ़ती लोकप्रियता से अमेरिका में लगातार चर्चा का विषय बने हुए हैं और डोनाल्ड ट्रम्प जैसे बड़े नेता के लिए सबसे बड़ी चुनौती भी साबित हो रहे हैं।
जी हां, हम बात कर रहे हैं रिपब्लिकन पार्टी की ओर से उम्मीदवार और भारतवंशी कारोबारी विवेक रामास्वामी की। जो दिग्गजों को लगातार पछाड़ते हुए रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवारों की लिस्ट में दुसरे नंबर पर आ गये हैं। पहले नंबर पर पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प है, लेकिन विवेक रामास्वामी की बढ़ती लोकप्रियता उनके लिए भी बड़ी चुनौती बनी हुई है।
Read More >>> खालिस्तानी नेटवर्क पर NIA का बड़ा एक्शन
इस बीच विवेक रामास्वामी ने अमेरिका और चीन की साझेदारी कम करने और भारत के साथ आर्थिक स्तर पर रिश्तों को मजबूत करने की सलाह दी है। रामास्वामी ने कहा कि भारत, ब्राज़ील और चिली के साथ व्यापारिक सम्बन्ध बढ़ाने की ज़रुरत है। जिसका सीधा असर चीन पर होगा।
रामास्वामी ने आगे यह भी बताया कि आज के समय में अमेरिका का बड़ा विरोधी कौन है ? उन्होंने कहा कि लोग समझते होंगे कि अमरीका को जिससे खतरा है, वह यूएसएसआर है।
लेकिन लोग भूल चुके हैं कि उसका तो विभाजन साल 1990 में ही हो गया था। लेकिन हमें समझना होगा कि आज की तारीख में अमेरिका को सबसे बड़ा खतरा किसी और नहीं, बल्कि चीन से है।
चीन को खतरा बता देने से यहां बात पूरी नहीं हो जाती है तो अब यह जान लेना ज़रूरी हो जाता है कि अमेरिका के राष्ट्रपति की उम्मीदवारी की दावेदारी कर रहे विवेक रामास्वामी ने चीन को अमेरिका के लिए सबसे बड़ा खतरा क्यों बता दिया है? इसके लिए खुद रामास्वामी कहते हैं कि अगर हम रूस के साथ पश्चिमी आर्थिक संबंधों को फिर से खोल सकते हैं तो रूस के पास चीन के साथ साझेदारी करने की कोई वजह नहीं रह जाती है। वो कहते है कि चीन से निपटने के लिए रूस को ड्रैगन के साथ अपने सैन्य गठबंधन से बाहर निकलने की जरूरत है।
उन्होंने आगे यह भी कहा कि वे एक अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में यूक्रेन और रूस के बीच वर्तमान नियंत्रण रेखाओं को स्थिर करने की पेशकश करेंगे। उन्होंने कहा कि वे सख्त प्रतिबद्धता बनाएंगे कि नाटो यूक्रेन को इसमें प्रवेश नहीं देगा और प्रतिबंध हटा देगा। हालांकि इसके बदले में रूस को चीन के साथ अपने सैन्य गठबंधन से बाहर निकलना होगा।
इससे पहले, रामास्वामी ने भारत और अमेरिका के बीच संबंधों को मजबूत करने पर जोर दिया था। उन्होंने कहा था कि अमेरिका की चीन और ताइवान पर निर्भरता खत्म कर सकते हैं। उन्होंने भारत, दक्षिण कोरिया और जापान के साथ मजबूत संबंधों का आह्वान भी किया।
Also Read >>> G-20 की किस सफलता पर पश्चिमी देश India की तारीफ कर रहे हैं
वहीं एक इंटरव्यू में जब रामास्वामी से पूछा गया कि वे रूस और अमेरिका के बीच चल रहे युद्ध को कैसे रोकेंगे ? तो उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि “मैं एक ऐसा सौदा करूंगा जिसके लिए व्लादिमीर पुतिन निश्चित रूप से “हां” कहेंगे, लेकिन ये सौदा वास्तव में अमेरिकी हितों को आगे बढ़ाएगा ताकि संयुक्त राज्य अमेरिका जीत सके।