29 नवंबर को न्यूयॉर्क की ओर से एक चार्जशीट सामने आती है। जिसमें अमेरिका में हुई खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश का आरोप भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता पर लगाया जाता है। रिपोर्ट में लिखा गया भारत के एक पूर्व CRPF अफसर ने उसे पन्नू की हत्या की प्लानिंग करने के लिए कहा था। आगे चार्जशीट में सामने आया कि निखिल ने भारतीय अफसरों के कहने पर एक अपराधी से पन्नू के मर्डर के लिए कॉन्टैक्ट साइन किया, लेकिन असली में वो एक अपराधी नहीं था वो एक अमेरिकी एजेंट था। इस एजेंट ने निखिल की पहचान एक अंडरकवर अधिकारी से कराई। जिसने उसे पन्नू का मर्डर करने के लिए कहा बता दें ये डील पन्नू और अमेरिकी एजेंट के बीच करीब 83 लाख रुपए में हुई। वहीं दूसरी और न्यूयॉर्क टाइम्स कि रिपोर्ट के मुताबिक आतंकी पन्नू का कहना कहा है कि वो न तो निखिल गुप्ता को जानता है और न ही उस भारतीय अफसर को जिस पर हत्या की साजिश रचने के आरोप लगाएं गए है। पन्नू ने कहा हम बहादुरों के घर और आजाद वतन अमेरिका में रहते हैं,मुझे कोई मौत का डर नहीं है और मुझे मार देने से भी खालिस्तान की मांग पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
वहीं दूसरी और भारतवंशी सांसदों की तरफ से एक बयान जारी किया गया बयान में कहा गया कि हमारा मानना है कि अमेरिका और भारत के बीच हुई साझेदारी ने दोनों देशों के लोगों के जीवन पर सार्थक प्रभाव डाला है लेकिन हमें चिंता है कि अगर समस्याओं समय रहते हल नहीं किया गया तो इससे साझेदारी को नुकसान पहुंच सकता है। बता दें जून 2023 में PM मोदी ने जब अमेरिका का दौरा किया था उसके बाद ही अमेरिकी अधिकारियों ने भारत के सामने यह मुद्दा उठाया था,इस बात का खुलासा 22 नवंबर 2023 को पब्लिश हुई फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट में हुआ था,तो वहीं दूसरी और वहीं, भारत सरकार ने इस पूरे मामले की जांच के लिए हाई लेवल कमेटी बनाई है,जिसमें जांच के नतीजों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।