पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनावरूल हक काकड़ ने हाल ही में कहा है कि भारत को सबसे बड़े लोकतंत्र से सबसे महान लोकतंत्र बनना चाहिए। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा कि हम भारत के साथ संबंधों को सुधारना चाहते हैं लेकिन इसके लिए कश्मीर समस्या का शांति से हल होना आवश्यक है।
वहीं उन्होंने भारत के साथ व्यापार पर कहा कि कश्मीर की समस्या का समाधान किये बिना भारत के साथ व्यापार बिलकुल भी संभव नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि हम युद्ध नहीं चाहते हैं, हम शांतिपूर्वक तरीके से इस समस्या का समाधान चाहते हैं, लेकिन फिर भी अगर शांति स्थापित नहीं होती है तो यह भारत, पाकिस्तान और दुनिया के लिए चिंता का विषय होगा।
5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को हटाया गया था। तब से भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापार बिल्कुल ही बंद है। उस समय पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने दोनों देशों के बीच होने वाले व्यापार को यह कहकर रोक दिया था कि धारा 370 की बहाली तक दोनों देशों के बीच व्यापार नहीं होगा।
पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को तोशाखाना (सरकारी खजाने) के तोहफे बेचने के लिए दोषी पाया गया था। इस कारण वे 5 अगस्त से जेल में हैं। हालांकि उन्हें इस केस में जमानत मिली तो सीक्रेट लेटर चोरी केस (साइफर गेट मामला) में रिमांड पर भेज दिया गया। वहीं पहले उन्हें इस्लामाबाद की ट्रायल कोर्ट ने उन्हें 3 साल की सजा सुनाई थी। साथ ही अगले 5 साल तक उनके 5 साल तक चुनाव लड़ने पर रोक लगाई थी। कोर्ट ने पूर्व पाकिस्तानी PM पर एक लाख पाकिस्तानी रुपए का जुर्माना भी लगाया था।
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के दल के नेताओं के जेल में होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यदि उनको पॉलिटिकल सिस्टम के कारण समस्याओ का सामना करना पड़ रहा है तो यह पाकिस्तान के लोकतंत्र पर सवाल खड़े करता है।
वहीं पाकिस्तान में हुई हिंसा की घटना के बारे में उन्होंने कहा कि यह पाकिस्तान में सिविल वॉर की कोशिश थी। इसके निशाने पर आर्मी चीफ और उनकी टीम थी। उन्होंने कहा कि सैन्य ठिकानों और जवानों पर हमले की कोशिश करने वालों के खिलाफ मिलिट्री ट्रायल किए जाएंगे।