बाबा सिद्दीकी को मुंबई में तीन हमलावरों ने गोली मार दी थी। इसके बाद उन्हें लीलावती अस्पताल ले जाया गया जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। वह 66 वर्ष के थे। मुंबई में NCP (अजित गुट) के नेता बाबा सिद्दीकी की शनिवार रात गोली मारकर हत्या कर दी गई। सिद्दीकी इसी साल फरवरी में कांग्रेस छोड़कर अजित पवार के साथ आए थे। वही हत्या की जिम्मेदारी लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने सोशल मीडिया पोस्ट करके लि है। पोस्ट में लिखा है की सलमान खान और दाऊद की मदद करने वालों को छोड़ेंगे नहीं।" इस पोस्ट में लॉरेंस बिश्नोई ग्रुप और अनमोल बिश्नोई को हैशटैग किया गया है। लॉरेंस अभी गुजरात की साबरमती जेल में बंद है। उसने 14 अप्रैल को सलमान के घर के बाहर फायरिंग कराई थी। जेल में लॉरेंस से पूछताछ कराई जाएगी। सलमान खान की सिक्योरिटी भी बढ़ा दी गई है।
मुंबई पुलिस ने 3 शूटर्स में से 2 को पुलिस ने अरेस्ट कर लिया है। एक फरार है। एक शूटर हरियाण और 2 उत्तर प्रदेश के बहराइच के रहने वाले हैं। ये 40 दिन से मुंबई में ही ठहरे थे और सिद्दीकी के घर और बेटे के ऑफिस की रेकी कर रहे थे। हरियाणा और यूपी के शूटर्स ने हत्या की। हत्या में शामिल आरोपियों के नाम शिव, धर्मराज और गुरमैल हैं। शिव और धर्मराज यूपी के बहराइच के रहने वाले हैं, दोनों का कोई पुराना क्रिमिनल रिकॉर्ड नहीं है। गुरमैल हरियाणा का रहने वाला है। धर्मराज और गुरमैल को गिरफ्तार किया गया है। शिव फरार है। वही सिद्दीकी को Y-सिक्योरिटी मिली थी, लेकिन घटना के वक्त उनके साथ कोई कॉन्स्टेबल नहीं था। स्ट्रीट लाइट्स और CCTV भी बंद थे। बांद्रा के खेर नगर में शनिवार रात करीब 9.30 बजे विधायक बेटे जीशान के ऑफिस के बाहर 3 बदमाशों ने फायरिंग की थी।
बाबा जियाउद्दीन सिद्दीकी जिन्हें बाबा सिद्दीकी के नाम से भी जाना जाता है, 1977 में एक किशोर के रूप में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हुए। उन्होंने उस समय INC की छात्र शाखा - नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ़ इंडिया के मुंबई चैप्टर के सदस्य के रूप में विभिन्न छात्र आंदोलनों में भाग लिया । वे 1980 में बांद्रा युवा कांग्रेस के बांद्रा तालुका के महासचिव बने और अगले दो वर्षों के भीतर इसके अध्यक्ष चुने गए। 1988 में वे मुंबई युवा कांग्रेस के अध्यक्ष बने। चार साल बाद वे मुंबई नगर निगम में नगर पार्षद चुने गए और पांच साल बाद फिर से इस पद पर चुने गए। वह 1999, 2004 और 2009 में लगातार तीन बार विधायक रहे और उन्होंने 2004 से 2008 के बीच मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख के अधीन खाद्य और नागरिक आपूर्ति (एफडीए) और श्रम राज्य मंत्री के रूप में भी काम किया था।8 फरवरी 2024 को, उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया । वह 12 फरवरी 2024 को अजीत पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए ।
बाबा सिद्दीकी की शादी शहज़ीन सिद्दीकी से हुई थी। उनके दो बच्चे थे; एक बेटी अर्शिया सिद्दीकी और एक बेटा जीशान सिद्दीकी । सिद्दीकी को उनके बेटे के कार्यालय के सामने गोली मारकर हत्या कर दी गई।