डोनाल्ड ट्रम्प, दूसरी बार अमरीका के राष्ट्रपति बनने का ख्वाब देख रहे हैं और इसके लिए वे अपनी पूरी ताक़त भी झोंक रहे हैं, लेकिन क्या ये उनके लिए आसान रहेगा ? ये देखना रोचक होगा, क्योंकि उन्हें उन्हीं के पार्टी के अंदर से कड़ी चुनौती मिल रही है। खासकर राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के लिए तेजी से लोकप्रिय हो रहे भारतवंशी विवेक रामास्वामी से।
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव होने को हैं। राष्ट्रपति पद के लिए रिपब्लिकन उम्मीदवारों की दौड़ में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प सबसे आगे चल रहे हैं। वे 56 % वोट के साथ पहले स्थान पर है। वहीं दूसरे स्थान पर कड़ी टक्कर चल रही है। दूसरे स्थान पर रोन डिसेंटिस को भारतवंशी विवेक रामास्वामी कड़ी चुनौती दे रहे हैं। दोनों 10 % वोटों के साथ दूसरे स्थान पर बने हुए हैं।
इन आंकड़ों के बीच दिलचस्प बात ये है कि डोनाल्ड ट्रम्प के लिए अमेरिकी रोन डिसेंटिस उतनी बड़ी चुनौती नहीं है जितनी भारतवंशी विवेक रामास्वामी चुनौती बने हुए हैं।
अब इस पूरी गणित को आंकड़ों के जरिये समझते हैं। जून के महीने में ट्रम्प 59 %, डिसेंटिस 21% और पेंस 6% पर थे, जबकि विवेक रामास्वामी के पास मात्र 2% वोट थे। लेकिन तब से अब तक रामास्वामी की लोकप्रियता में 8 % की वृद्धि हुई है। वही डिसेंटिस को 11 %, ट्रम्प और पेंस को 3 - 3 % का नुकसान हुआ है। रामास्वामी की लोकप्रियता में हो रही लगातार वृद्धि से और डिसेंटिस से बराबरी के बाद अब ट्रम्प खेमा चिंता में नजर आ रहा है।
इसके अलावा अब हम ट्रम्प की चिंता के पीछे का दूसरा कारण और देखते हैं। विवेक रामास्वामी ने हाल ही में कहा है कि अगर वे 2024 के राष्ट्रपति पद के लिए नॉमिनेशन हासिल करने में नाकाम रहते हैं, तो वो और किसी पद की दौड़ में शामिल नहीं होंगे। उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा है कि "मैं सरकार में 2 या 3 नंबर पर रहने की बजाए प्राइवेट सेक्टर में काम करना पसंद करूंगा।
विवेक रामास्वामी ने वादा किया है कि वे अमेरिका फर्स्ट को ट्रम्प से भी कहीं आगे ले जाएंगे। वहीं रामास्वामी अभिव्यक्ति की आज़ादी और चीन पर निर्भरता घटाने के समर्थक हैं। दूसरी तरफ डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि अगर वे 2024 में फिर से अमरीकी राष्ट्रपति बनते हैं तो भारत के लिए पारस्परिक कर दोगुना कर देंगे।
विवेक रामास्वामी सबसे युवा रिपब्लिकन प्रत्याशी है। अब उनके बारे में जान लेते हैं। उनका जन्म 9 अगस्त 1985 को ओहियो के सिन सिनाटी में हुआ। उनके पिता वी जी रामास्वामी इंजीनियर और पेटेंट अटॉर्नी थे। माँ गीता मनोचिकित्स्क थी। वे पूरी तरह से शाकाहारी है। उनके दो बेटे हैं। उन्होंने हार्वर्ड से बायलॉजी की डिग्री की और वहीं रिपब्लिकन क्लब में शामिल हुए। वे "दा वेक" के नाम से रैप सांग भी बनाते थे। वहीं वे 2016 में 40 साल के कम उम्र के एंटरप्रन्योर फ़ोर्ब्स लिस्ट में शामिल हुए। इसके बाद वे साल 2020 में वॉल स्ट्रीट जर्नल में लेख लिखने लगे। 2021 में रोइवेंट सीईओ जा पद छोड़ा और बेस्ट सेलर बुक "वोक इंक और नेशन ऑफ़ विक्टिम" लिखी।