राज्य सरकार के आदेशों की अनुपालना में गुरुवार को स्वायत्त शासन विभाग में नगरीय प्रशासन को और अधिक प्रभावशाली, उत्तरदायी एवं समावेशी बनाने की दिशा में समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में राज्य के नगरीय निकायों के पुनर्गठन एवं पुनर्सीमांकन से जुड़े प्रस्तावों पर विचार-विमर्श किया गया।
बैठक में मंत्रीमण्डलीय उप समिति के सदस्य एवं जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत, राज्यमंत्री वन विभाग संजय शर्मा, राज्यमंत्री सहकारिता गौतम कुमार तथा समिति के संयोजक राज्यमंत्री नगरीय विकास झाबर सिंह खर्रा द्वारा इस बैठक में जोधपुर, भरतपुर एवं जयपुर संभाग की नगरीय निकायों के पुर्नगठन एवं पुर्नसीमांकन के प्रस्तावों पर समीक्षा एवं चर्चा की गई।
मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने नगरीय निकायों के वार्ड सीमांकन/पुनर्गठन में विचलन के संबंध में बताया की पूर्ववर्ती सरकार के समय वर्ष 2019 में राज्य की कुल 196 नगरीय निकायों में वार्ड सीमांकन/पुनर्गठन किया गया था। पूर्ववर्ती सरकार द्वारा नगरीय निकायों के वार्ड सीमांकन/पुनर्गठन में 10 प्रतिशत तक के विचलन का मापदण्ड निर्धारित किया गया था। परन्तु पूर्ववर्ती सरकार द्वारा निर्धारित किए गए मापदण्ड के पश्चात् भी कुल 196 नगरीय निकायों में से 128 नगरीय निकायों में मापदण्ड से बहुत ज्यादा का विचलन था, जो कि कुल नगरीय निकायों का लगभग 65 प्रतिशत है। उन्होंने निकायों के पुनर्गठन के महत्त्व को रेखांकित करते हुए कहा की यह प्रक्रिया न केवल नगरीय प्रशासन को अधिक संगठित और जनोन्मुखी बनाएगी, बल्कि स्थानीय शासन में पारदर्शिता, समावेशिता और उत्तरदायित्व की भावना को भी सुदृढ़ करेगी। बैठक में स्वायत्त शासन विभाग के शासन सचिव रवि जैन, निदेशक एवं विशिष्ठ सचिव प्रतीक जुईकर सहित अन्य उच्च अधिकारी भी उपस्थित रहे।