2 जून से वेस्टइंडीज ( West Indies ) और संयुक्त राज्य अमेरिका ( America ) के संयुक्त तत्वावधान में खेले जाने वाले टी-20 वर्ल्ड कप ( T-20 World Cup ) को लेकर भारतीय टीम की घोषणा की जा चुकी है, टीम को लेकर अब क्रिकेट विशेषज्ञों द्वारा अपनी अपनी राय रखी जा रही है, रिंकु सिंह ( Rinku Singh ) और शुभमन गिल ( Shubhman Gill ) को रिजर्व खिलाड़ियों में रखने के साथ ही केएल राहुल ( KL Rahul ) और ऋतुराज गायकवाड ( Ruturaj Gaikwad ) को टीम में शामिल नहीं करने को लेकर आलोचक बीसीसीआई को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं, तो वहीं इन दोनों ही खिलाड़ियों का चयन टीम में नहीं होने की असली वजह सामने आ गई है
केएल राहुल और ऋतुराज गायकवाड की अगर बात की जाए तो दोनों ही खिलाड़ी आईपीएल में अपनी अपनी टीम के लिए ओपन कर रहे हैं, केएल राहुल जहां लखनऊ सुपर जाइंट्स ( LSG ) के लिए ओपन कर रहे हैं तो वहीं ऋतुराज गायकवाड़ चेन्नई सुपर किंग्स ( CSK ) की कप्तानी करते हुए ओपन कर रहे हैं, ऐसे में भारतीय टीम में रोहित शर्मा ( Rohit Sharma ) और यशस्वी जायसवाल ( Yashasvi Jaiswal ) के साथ ही विराट कोहली ( Virat Kohli ) ओपनिंग के रूप में जगह बनाने में सफल रहे हैं, ऐसे में बीसीसीआई ( BCCI ) किसी अन्य ओपन पर भरोसा नहीं जता सकती थी
15 सदस्यीय टीम की अगर बात की जाए तो ओपनर के रूप में रोहित और जायसवाल परफेक्ट पेयर के रूप में मौजूद है तो वहीं तीसरे नम्बर पर विराट कोहली और चौथे नम्बर पर सूर्यकुमार यादव ( Suryakumar Yadav ) टीम में जगह बनाने में सफल रहे हैं, इसके साथ ही भारतीय टीम को एक ऐसे मिडिल ऑर्डर विकेट कीपर बल्लेबाज की जरूरत थी जो टीम को बीच में मजबूती दे सके, ऐसे में अगर केएल राहुल मिडिल ऑर्डर बल्लेबाजी करते तो टीम में जगह बनाने में सफल हो सकते थे
भारतीय टीम के चयनकर्ताओं ने मिडिल ऑर्डर में एक ऐसे विकेट कीपर बल्लेबाज की तलाश कर रहे थे जो टीम को बैलेंस दे सके, इसी को ध्यान में रखते हुए चयनकर्ताओं ने रिषभ पंत ( Rishabh Pant ) और संजू सैमसन ( Sanju Samson ) पर भरोसा जताया
क्रिकेट विशेषज्ञों की अगर बात की जाए तो वर्ल्ड कप में चुनी गई भारतीय टीम में प्रदर्शन को आधार ना बनाकर बड़े नामों को वरियता दी गई है, कुछ आलोचकों का कहना है की एक नामी खिलाड़ी की जगह युवा बल्लेबाज को टीम में जगह दी जा सकती थी, इसके साथ ही इस समय मुम्बई इंडियंस की कप्तानी कर रहे हार्दिक पांड्या की फॉर्म इस समय गेंद और बल्ले से काफी खराब चल रही है, मिडिल ऑर्डर में युवा ऑल राउंडर्स की भरमार है, इनमें से युवा को मौका दिया जा सकता था
टी-20 वर्ल्ड कप की शुरूआत 2007 में हुई थी, उस समय एमएस धोनी ( MSD ) की कप्तानी में मैदान में उतरी युवा टीम को किसी पर भरोसा नहीं था, लेकिन महेन्द्र सिंह धोनी ( Mahendra Singh Dhoni ) की शानदार कप्तानी और युवा टीम के जज्बे के आगे सभी आलोचक गलत साबित हुए थे, भारतीय टीम ने 2007 के वर्ल्ड कप फाइनल में पाकिस्तान ( Pakistan ) को हराते हुए ट्रॉफी पर कब्जा जमाया था