जवाहर कला केंद्र में शुक्रवार से तीन दिनों तक हवेली संगीत, कोरियोग्राफ्ड नृत्य, शास्त्रीय गायन, ओडिसी नृत्य और गजल गायन से जहां एक ओर सुरों की महफिल सजेगी तो वहीं दूसरी ओर नृत्य की ताल दर्शकों को रोमांचित करेगी ।
मौका है डेल्फिक काउंसिल ऑफ़ राजस्थान, पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र उदयपुर और उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र पटियाला के संयुक्त तत्वाधान में एवं जवाहर कला केंद्र के सहयोग से 6 से 8 सितंबर तक आयोजित होने वाले तीन दिवसीय उत्सव 'सुर ताल' का। जवाहर कला केंद्र के रंगायन और कृष्णायन में आयोजित होने वाले इस उत्सव की शुरुआत शुक्रवार, 6 सितंबर को प्रातः 10.30 बजे कृष्णायन सभागार में होगी। डेल्फिक काउंसिल ऑफ़ राजस्थान की अध्यक्ष श्रेया गुहा ने बताया कि सुरताल उत्सव में तीन दिवसीय फोटोग्राफी कार्यशाला भी आयोजित की जाएगी जिसमें मुंबई के प्रसिद्ध फोटोग्राफर शिरीष कर्राले फोटोग्राफी के गुर सिखाएंगे। फोटोग्राफी कार्यशाला में अभ्यास आधारित प्रैक्टिकल सेशन होंगे और प्रतिभागी फोटोग्राफी के नए-नए पहलू सीखेंगे।
गुहा ने बताया कि सुर ताल उत्सव के पहले दिन (6 सितंबर) शाम 6.30 बजे आचार्य स्वामी गुरु रणछोड़लाल के हवेली संगीत से कार्यक्रम आरंभ होगा। उसके बाद दिल्ली के प्रसिद्ध कोरियोग्राफर संतोष नायर के 30 सदस्यीय दल द्वारा विभिन्न नृत्यों की आकर्षक प्रस्तुति दी जाएगी। उत्सव के दूसरे दिन 7 सितंबर को जयपुर के ही शास्त्रीय गायक सौरव वशिष्ट की प्रस्तुति होगी। उसके बाद उदयपुर के ओडिसी गुरु कृष्णेनेंदु साहा के दल द्वारा ओडिसी नृत्य की कलात्मक प्रस्तुति होगी । सुर ताल' के अंतिम दिवस ग़ज़ल की प्रस्तुति होगी। जिसमें डॉ प्रेम भंडारी, डॉ देवेंद्र हिरण व डॉ पामिल मोदी द्वारा ग़ज़लों की प्रस्तुति दी जाएगी । डॉ प्रेम भंडारी कवि और शायर होने के साथ साथ संगीत निर्देशक भी हैं। रंगायन में कार्यक्रम का समय शाम 6.30 रहेगा तथा प्रवेश निःशुल्क होगा ।