दीपेन्द्र कुमावत ( संवाददाता ) ( The Nagari Media ) - राजस्थान (Rajasthan) में लोकसभा चुनाव के दोनों चरणों के मतदान सम्पन हो गए, ऐसे चुनाव आयोग के आये आकड़ों के अनुसार प्रदेश में लोकसभा चुनाव में इस बार 2019 के मुकाबले 5.11 फीसदी मतदान कम हुआ है, इस बार प्रदेश में 59.69 फीसदी वोटिंग हुई है, ऐसे में अपनी-अपनी जीत के दावों के साथ भाजपा और कांग्रेस मतदान से हुए नुकसान को भुनाने की कोशिश कर रही है, लेकिन बड़ी बात ये है कि 4 महीने पहले जो मतदान फीसदी बढ़ने पर अपनी पीठ थपथपा रहे थे वो लोकसभा चुनाव में मतदान के आंकड़ों के बाद अब छिपते हुए नजर आ रहे हैं
करीब 4 महीने पहले हुए विधानसभा चुनाव की अगर बात की जाए तो विधानसभा चुनाव में ज्यादा मतदान होने पर नेता जी अपनी अपनी पीठ थपथपा रहे थे, लेकिन विधानसभा से तुलना करें तो सरकार के अधिकांश मंत्री अपनी विधानसभा में भी वोटिंग प्रतिशत को कम होने से नहीं रोक पाए हैं, निर्वाचन विभाग की ओर से जारी आंकड़ों में एक ऐसा तथ्य सामने आया है जिसने भाजपा के नेताओं की चिंता बड़ा दी है.
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की लगातार अपील के बावजूद प्रदेश में भाजपा सरकार के मंत्री मतदाताओं को बूथ तक लाने में क़ामयाब नहीं हो पाए हैं, प्रदेश की सरकार के अधिकतर मंत्रियों के विधानसभा क्षेत्रों में विधानसभा चुनाव की तुलना में लोकसभा चुनावों तक 26.65 फीसदी मतदान कम हुआ है
मंत्रियों की बात करें तो विद्याधर नगर विधानसभा से उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ( Diya Kumari ) के विधानसभा क्षेत्र में विधानसभा चुनाव के मुकाबले करीब 11 फीसदी मतदान कम हुआ है, तो दूसरी और दूदू विधानसभा क्षेत्र से उपमुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा( Dr. Prem Chand Bairwa ) के दूदू विधानसभा क्षेत्र में करीब 24 फीसदी कम हुआ है,
तो वही सवाई माधोपुर विधानसभा से डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ( Dr.Kirodi Lal Meena ) के विधानसभा क्षेत्र में लगभग 16 फीसदी,और लोहावट विधानसभा से गजेंद्र सिंह खींवसर ( Gajendra Singh Khimsar ) के विधानसभा क्षेत्र में लगभग 15 फीसदी, झोटवाड़ा विधानसभा से राज्यवर्धन सिंह राठौड़( Rajyavardhan Rathore) के विधानसभा क्षेत्र में 12 फीसदी, मदन दिलावर ( Madan Dilawar ) के विधानसभा क्षेत्र रामगंज मंडी में लगभग 4 फीसदी कम मतदान हुआ है.
दरअसल और अन्य मंत्रियों की बात करें तो कन्हैया लाल चौधरी ( Kanhaiya Lal Choudhary ) के विधानसभा क्षेत्र मालपुरा में लगभग 23 फीसदी, संजय शर्मा ( Sanjay Sharma ) के विधानसभा क्षेत्र अलवर में लगभग 6 फीसदी, गौतम कुमार ( Gautam Kumar ) के बड़ी सादड़ी में लगभग 12 फीसदी, झाबर सिंह खर्रा ( Jhabar Singh Kharra ) के विधानसभा क्षेत्र श्रीमाधोपुर में लगभग 21 फीसदी और हीरालाल नागर ( Heeralal Nagar ) के विधानसभा क्षेत्र सागौद में लगभग 7 फीसदी, जोगाराम पटेल ( Jogaram Patel ) के विधानसभा क्षेत्र लूणी में लगभग 12.39 फीसदी, सुरेश सिंह रावत ( Suresh Singh Rawat ) के विधानसभा क्षेत्र पुष्कर में लगभग 15 फीसदी, अविनाश गहलोत ( Avinash gehlot ) के विधानसभा क्षेत्र जैतारण में लगभग 14 फीसदी, सुमित गोदारा ( Sumit Godara ) के विधानसभा क्षेत्र लूणकरणसर में लगभग 27 फीसदी, जोराराम कुमावत ( Joraram Kumawat ) के विधानसभा क्षेत्र सुमेरपुर में लगभग 7 फीसदी, बाबूलाल खराड़ी ( Babulal Kharadi ) के विधानसभा क्षेत्र झाड़ोल में लगभग 7 फीसदी, हेमंत मीणा ( Hemant Meena ) के विधानसभा क्षेत्र प्रतापगढ़ में लगभग 10 फीसदी फीसदी मतदान कम हुआ है
दरअसल लोकसभा चुनाव में प्रदेश में भाजपा सरकार के दो उपमुख्यमंत्रियों सहित 23 मंत्रियों की अपने विधानसभा क्षेत्र में बड़ी संख्या में वोटिंग करवाने की जिम्मेदारी थी. लेकिन वोटिंग के लिहाज से मंत्रियों की इस खराब परफॉर्मेंस के बाद दिल्ली भेजी गई इन की रिपोर्ट इनके लिए चिंता का विषय बन गई