राजस्थान में स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं पारदर्शी चुनाव प्रक्रिया सुनिश्चित करने के क्रम में निर्वाचन विभाग की ओर से सोशल मीडिया पर चुनाव संबंधी पोस्ट और वीडियो नजर रखी जा रही है, इस क्रम में राज्य स्तरीय मीडिया मॉनिटरिंग कमेटी की अनुशंसा पर 2 फेक न्यूज वीडियो को यूट्यूब, व्हाट्सएप आदि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से हटा दिया गया है
मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि निर्वाचन विभाग को चुनाव प्रचार संबंधी 2 वीडियो के भ्रामक और छवि खराब करने वाले होने के कारण ’फेक’ होने की शिकायत प्राप्त हुई थी, राज्य स्तरीय मीडिया मॉनिटरिंग द्वारा इन संदिग्ध वीडियो की संवीक्षा उपरान्त इन्हें भ्रामक तथा प्रदेश के राजनीतिक लोगों और राजनीतिक दल विशेष के स्टार प्रचारकों की छवि के प्रति नकारात्मक पाया गया, इस आधार मुख्य निर्वाचन अधिकारी की ओर से संबंधित व्यक्तियों को इन फेक वीडियो का अग्रिम प्रसारण रोकने के लिए जिला कलेक्टर के माध्यम से पाबंद करने तथा इन्हें विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से हटाने के निर्देश दिए गए, अब ये दोनों वीडियो सोशल मीडिया से हटाए जा चुके हैं
गौरतलब है कि राज्य में फेक न्यूज एवं हेट स्पीच मॉनिटरिंग, ईवीएम, कानून-व्यवस्था, मतदाता सूची एवं मतदान सहित चुनाव प्रक्रिया और मतदाताओं को प्रभावित करने संबंधी सूचनाओं के सोशल मीडिया पर प्रसारण पर नजर है, इन सूचनाओं का एक राज्य और 33 जिला स्तर पर गठित कमेटियां के माध्यम से लगातार विश्लेषण किया जा रहा है, सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के अधिकारी भी सोशल मीडिया गतिविधियों की लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं
स्थानीय स्तर तक मॉनिटरिंग के लिए प्रदेशभर में करीब 80 पुलिस अधिकारियों को भी नियुक्त किया गया है, राज्य स्तर पर पुलिस महानिरीक्षक शरत कविराज को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है, जिलों में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी नोडल अधिकारी बनाए गए हैं, यह अधिकारी फेक न्यूज और भ्रामक वीडियो तथा पोस्ट से संबंधित प्रकरणों में भारतीय दंड संहिता और न्यायालयों के निर्णयों के अनुसार कार्यवाही करेंगे