विधानसभा चुनाव की शुरुआत अब हो चुकी है। सभी पार्टियों ने अपने-अपने उम्मीदवार उतारना शुरू कर दिए है। कुछ सीटों पर भाजपा ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है तो कुछ पर कांग्रेस ने, इसके अलावा अन्य पार्टियों ने भी अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है ।
आज चुनावी नगरी में हम बात करेंगे भगवान् श्रीनाथ की नगरी नाथद्वारा के बारे में। सत्तारुढ़ कांग्रेस और बीजेपी ने अपने-अपने उम्मीदवार उतार दिए है । नाथद्वारा से कांग्रेस की तरफ से दिग्गज नेता सीपी जोशी और बीजेपी से कुंवर विश्वराज सिंह को उतारा गया है। कुंवर विश्वराज सिंह को टिकट दिए जाने की सबसे ज्यादा पैरवी दिया कुमारी ने की थी। बड़ी बात तो यह है कि इन्हीं के पिता महेंद्र सिंह मेवाड़ खुद बीजेपी से रिकॉर्ड मतों से जीत लोकसभा सांसद रह चुके हैं।
अब तीन दशक बाद उनके पुत्र विश्वराज सिंह की एंट्री हुई है। इस खबर से पूरे मेवाड़ में चर्चाओं का दौर चल रहा है। उनके परिवार में पिता ही राजनीति से जुड़े रहे हैं। वह सांसद बने दरअसल महेंद्र सिंह मेवाड़ वर्ष 1989 में चित्तौड़गढ़ लोकसभ सीट से भाजपा की तरफ से चुनाव में खड़े हुए थे। उन्होंने रिकॉर्ड करीब 1.90 लाख वोटों से जीत हासिल की थी। हालांकि बाद में उन्होंने कांग्रेस पार्टी ज्वाइन की और चुनाव में खड़े हुए जिससे उनको हार का सामना करना पड़ा। अब विश्वराज सिंह मेवाड़ ने पार्टी ज्वाइन की है तो पूरी संभावना है कि वह मेवाड़ में अपने पिता की तरह ही जीत का इतिहास दोहरा सकते है।
राजनीतिक जीवन नही होने पर भी विश्वराज सिंह मेवाड़ को सबसे बड़ा फायदा मेवाड़ राजघराने से जुड़ाव का मिलेगा। क्योंकि आज भी लोगों की राजघराने के प्रति सहानुभूति और सम्मान है। वही दूसरा यह कि राजपूत बहुल सीट हैं जिससे विश्वराज सिंह मेवाड़ के फायदा पहुंच सकता है। इनके पिता महेंद्र सिंह मेवाड़ भी 80 के दशक में चित्तौड़गढ़ से सांसद रह चुके हैं।
यहां कुल वोटर 2.34 लाख हैं। इसमें सबसे ज्यादा करीब 80 हजार वोट राजपूत समाज के हैं। इसके बाद आदिवासी और फिर ब्राह्मण समाज के। अब दोनों के बीच टक्कर की बात की तो सीपी जोशी यहां से 5 बार विधायक रहे हैं। लंबे समय से इसी सीट पर चुनाव लड़ते आ रहे हैं। इसलिए उन्हें इस सीट का सबसे ज्यादा अनुभव है। साथ ही कांग्रेस पार्टी के बड़े और दिग्गज नेता हैं। इससे परे बात करे कांग्रेस के सीपी जोशी की तो उनका राजनीतिक जीवन ही इतना लंबा है कि उनके बारे में कुछ बताना छोटा ही होगा। वर्ष 1980 से लेकर अब तक विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी यहां से 5 बार विधायक रह चुके हैं।
राजस्थान कांग्रेस की रीड की हड्डी माने जाने वाले सी पी जोशी अभी वर्तमान में राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष भी हैं।
1973
उन्हें मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के लिए छात्र संघ अध्यक्ष के रूप में निर्वाचित किया गया था।
1998
वह पंचायती राज, शिक्षा, ग्रामीण विकास, लोक स्वास्थ्य इंजीनियरिंग, नीति योजना और सूचना प्रौद्योगिकी जैसे विभागों को संभालने वाले राजस्थान सरकार में कैबिनेट मंत्री बने।
2003
2003 में उन्हें राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया।
2009
ग्रामीण विकास और पंचायती राज केंद्रीय कैबिनेट मंत्री और मई 2009 में उन्होंने ग्रामीण विकास और पंचायती राज के केंद्रीय मंत्रालय के प्रमुख के रूप में भारत की संसद में अपना पहला कार्यकाल शुरू किया।
2011
वह सड़क परिवहन और राजमार्ग केंद्रीय कैबिनेट मंत्री बन गए।
2012
वह रेलवे (अतिरिक्त प्रभार) केंद्रीय कैबिनेट मंत्री बन गए।
2014
उन्होंने जयपुर ग्रामीण से लोकसभा चुनाव लड़ा था जहां पर वह भाजपा के राज्यवर्धन सिंह राठौर से हारे थे।
2018
राजस्थान के राजसमंद जिले के नाथद्वारा निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में विधायक चुने गए।
2019
16 जनवरी 2019 को राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष का पद ग्रहण किया।
और सबसे बड़ी उनकी उपलब्धियों में आता है उन्होंने भीलवाड़ा जल आपूर्ति योजना शुरू की। उन्होंने 101 स्व-सहायता समूह योजनाएं शुरू की ताकि भीलवाड़ा के युवा प्रशिक्षण और रोजगार के अवसरों का लाभ उठा सकें।
चुनावी नगरी के एनालिसिस से जीत का रेशियों देखें तो ये 50-50 जा सकता है, क्योंकि राजपूतों का बाहुल्य क्षेत्र होने की वजह से कुंवर विश्वराज सिंह को वोट मिल सकते है और नाथद्वारा में जन्मे और 5 बार विधायक रहे।
CP जोशी का राजनीतिक जीवन भी उनको जीत दिला सकता है।